THE BASIC PRINCIPLES OF अहंकार की क्षणिक प्रकृति: विनम्रता का एक पाठ

The Basic Principles Of अहंकार की क्षणिक प्रकृति: विनम्रता का एक पाठ

The Basic Principles Of अहंकार की क्षणिक प्रकृति: विनम्रता का एक पाठ

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आचार्य प्रशांत: ईगो (अहंकार) का सांकेतिक, शाब्दिक, आध्यात्मिक सब एक ही अर्थ होता है – ‘मैं’। ‘मैं’ की भावना को अहम्, ईगो कहते हैं।

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ये पूरा एक ढाँचा है। आप सिर्फ़ अपनी नौकरी से नहीं चिपके हुए हैं, और बहुत सारी चीज़ें हैं जिनसे आप चिपके हुए हैं। आप किसी एक चीज़ को नहीं छोड़ सकते। ये जीवन जीने की एक कला है।

महापुरुषों के जीवन से हमें प्रेरणा मिलती है।

दुनियादारी की कोई चीज़ चाहिए?” तो कहेगा, “नहीं, सोने दो बस। हम जैसे हैं, ठीक हैं। कहाँ है हमारा वो फटा-पुराना गद्दा और मैली चादर? लाओ उसी पर सो जाएँ।”

फिर, जब तक वो सफल हो रहे थे, तब तक तो वो बुलंदी के साथ घोषणा करते थे कि, "हमें देखो, हम आदर्श हैं, हम रोल मॉडल हैं।" लेकिन जब वही तनाव में जाते हैं, अवसाद में, डिप्रेशन में जाते हैं, ज़िन्दगी उनकी बिखर जाती है, आत्महत्या को तैयार हो जाते हैं, तो ये बात फिर किसी मीडिया में नहीं छपती। ये बात बिलकुल छुपा दी जाती है कि हश्र देखो इसका, अंजाम देखो।

प्र: यदि अहम् को समस्या है तो वो वह हल क्यों नहीं ढूँढ पा रहा है?

So, swashbucklers of your analyze corridor, hoist your flags of curiosity substantial! We won't just uncover responses; we are going to explore concerns we by no means knew to check with.

की थी कहानी से नहीं बल्कि उसमें किसी भी एक विषय पर हम भाषा शिक्षण कर सकते हैं

आचार्य: बढ़िया है, अच्छा है। यही तो सब जादू होता है कि सैकड़ों लोगों के सामने आपको कोई पागल बोले और ये बोल आपको मीठी भी लगे।

आचार्य: हाँ, पर तुम ये भूल जाते हो कि यहाँ पर भी लोग तुम्हें परेशान इसलिए कर पाते थे क्योंकि तुम परेशान होने को तैयार ही नहीं इच्छुक थे। ये तुम्हारे get more info पीछे अभी पड़ा हुआ था, “दारु पी, दारु पी, दारु पी चल आज, सैटरडे नाईट (शनिवार रात) है”। पड़ा था न?

near your eyes, take a deep breath, and whenever you open up them, imagine a beacon of answers brightening the shadowy depths of each problem.

प्र: तो इसका अर्थ हुआ कि जंगल में प्राप्त होने वाली शांति एक अल्पकालिक राहत मात्र है?

महापुरुष सदैव आम जन के प्रेरक रहे हैं।

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